इस साल पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन की मेजबानी करने वाला है। इस बैठक में समूह देशों के सभी शासनाध्यक्षों को आमंत्रित किया जाता है। भारत भी इस समूह का हिस्सा है। वहीं, पाकिस्तान और भारत के रिश्तों से दुनिया वाकिफ है। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या एससीओ में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान जाएंगे?मोदी सरकार की नीति पाकिस्तान को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है। विदेश मंत्री एस जयशंकर कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों का समर्थन करता रहेगा तब तक दोनों देशों के बीच कोई बातचीत नहीं होगी।हालांकि, पाकिस्तान हमेशा भारत के साथ संबंध को बेहतर बनाने की पैरवी करता आया है। जब नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ ली तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ ने उन्हें बधाई दी थी।
नवाज शरीफ ने एक्स पर लिखा था,"मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर मेरी हार्दिक बधाई। हाल के चुनावों में आपकी पार्टी की सफलता आपके नेतृत्व में लोगों के विश्वास को दर्शाती है। आइए हम नफरत की जगह उम्मीद लाएं और दक्षिण एशिया के दो अरब लोगों की नियति को आकार देने के अवसर का लाभ उठाएं।"हालांकि, पीएम मोदी ने नवाज शरीफ को बधाई के लिए शुक्रिया अदा करते हुए पाकिस्तान को खरी-खरी सुना भी दी। उन्होंने कहा," नवाज शरीफ आपके संदेश की सराहना करता हूं। भारत के लोग हमेशा शांति, सुरक्षा और प्रगतिशील विचारों के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने कहा,"हमारे लोगों की भलाई और सुरक्षा सदैव हमारी प्राथमिकता रहेगी।"
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