ढाका । बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण बहाली के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ हिंसा जारी है। इस पर काबू पाने के लिए सरकार ने पूरे देश में कफ्र्यू लगा दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के जनरल सेक्रेटरी ओबैदुल कादर ने शुक्रवार देर रात कफ्र्यू लगाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हिंसा काबू करने के लिए सेना को तैनात किया गया है।
शुक्रवार को पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की। मीडिया रिपोट्र्स में कहा गया है कि इसमें 105 लोग मारे गए हैं। बांग्लादेश में बढ़ते तनाव के बीच अब तक 405 भारतीय स्टूडेंट्स अपने घर लौट आए हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने शुक्रवार को नरसिंगडी जिले में एक जेल पर धावा बोल दिया था। उन्होंने सैकड़ों कैदियों को जेल से छुड़ाने के बाद वहां आग लगा दी थी। इससे पहले गुरुवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी बीटीवी ऑफिस के कैंपस में घुस आए और 60 से ज्यादा गाडिय़ां फूंक दी। उसी दिन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बीटीवी को इंटरव्यू दिया था।
साल 2018 में 4 महीने तक छात्रों के प्रदर्शन के बाद हसीना सरकार ने कोटा सिस्टम खत्म कर दिया था, लेकिन बीते महीने 5 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फिर से आरक्षण देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि 2018 से पहले जैसे आरक्षण मिलता था, उसे फिर से उसी तरह लागू किया जाए। शेख हसीना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील भी की मगर सुप्रीम कोर्ट ने अपना पुराना फैसला बरकरार रखा। इससे छात्र नाराज हो गए। अब इसी के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है।
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