महाराष्ट्र में पवार परिवार के गढ़ माने जाने वाले बारामती के लिए सियासी संघर्ष तेज होता नजर आ रहा है।
भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना की सरकार में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने क्षेत्र की जनता से ‘भावुक अपीलों’ में नहीं फंसने की अपील की है।
साथ ही वादा किया है कि अगर जनता उनके उम्मीदवार को वोट देती है, तो केंद्र की मदद से विकास की रफ्तार को बढ़ाया जाएगा। फिलहाल, यहां से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं।
नाम लिए बिना शरद पवार पर निशाना साधते हुए उप मुख्यमंत्री पवार ने कहा, ‘पता नहीं कुछ लोग कब रुकेंगे। हो सकता है कोई भावुक अपील हो कि ये आखिरी चुनाव होगा। पता नहीं कौन सा आखिरी चुनाव होगा।’
उन्होंने जनता से अपील की है कि भावनाओं में बहकर वोट मत दीजिएगा। साथ ही उन्होंने वादा किया वह जल्द ही महायुति का उम्मीदवार घोषित कर देंगे।
पवार ने पुणे जिले के बारामती में एक जनसभा में कहा, ‘आपने इतने सालों तक एक वरिष्ठ की बात सुनी। अब मेरी बात सुनें और जिस लोकसभा उम्मीदवार को मैं खड़ा करने जा रहा हूं उसे वोट दें। मैं फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बता सकता हूं कि लोगों ने मेरे उम्मीदवार को वोट दिया है। यह मत भूलिये कि जब आप मुसीबत में थे तो मदद के लिए कौन आया था।’
बारामती से विधायक अजित पवार ने यह भी कहा कि ‘यदि आप अच्छा काम करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए कुछ आलोचना स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए।’
उन्होंने बताया कि इंदपुर, दौंड, पुरंदर, खड़कवासला और बारामती में कई विकास परियोजनाएं जारी हैं। इनमें सड़कें, जल आपूर्ति, शॉपिंग कॉम्प्लैक्स, बाजार जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।
अजित पवार ने पिछले साल जुलाई में राकांपा को तोड़ दिया था और आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार ने तब से अपने विद्रोह को लगातार यह कहते हुए उचित ठहराया है कि वरिष्ठों को अगली पीढ़ी को रास्ता देना चाहिए था। अजित पवार का यह इशारा परोक्ष रूप से शरद पवार की ओर था।
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