अमेरिका ने एक दर्जन से ज्यादा ऐसी कंपनियों पर पाबंदियां लगा दी हैं, जिन्होंने ईरान के साथ कारोबार किया था।
इनमें भारत की भी तीन कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों पर आरोप है कि ईरान की ओर से यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को ड्रोन भेजे गए थे और इस डील में इनकी ओर से मदद की गई थी।
अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट का कहना है कि हमने जांच में पाया है कि इन कंपनियों ने ईरान के साथ रूस की डील में मदद की थी। अमेरिकी विभाग के अनुसार इस डील में मुख्य कंपनी सहारा थंडर थी, जिसने ईरान के ड्रोन्स को दूसरे देशों में बेचने में मदद की।
सहारा थंडर को इस डील में मदद करने का आरोप भारत की तीन कंपनियों जेन शिपिंग, पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सी आर्ट शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर लगा है।
अमेरिकी एजेंसी के अनुसार ईरानी सैन्य यूनिट सहारा थंडर एक विशाल शिपिंग नेटवर्क वाली कंपनी है। यह ईरान के रक्षा और सशस्त्र बल रसद मंत्रालय (एमओडीएएफएल) की ओर से पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी), रूस, वेनेजुएला और कई देशों में ईरानी वस्तुओं की बिक्री करती है।
सहारा थंडर ने कुक आइलैंड्स-ध्वजांकित जहाज सीएचईएम (आईएमओ 9240914) के लिए भारत स्थित ज़ेन शिपिंग और पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ टाइम-चार्टर के साथ करार किया है।
इसका प्रबंधन और संचालन संयुक्त अरब अमीरात स्थित सेफ सीज़ शिप मैनेजमेंट एफजेडई द्वारा किया जाता है। ट्रेजरी विभाग ने कहा है, ‘सहारा थंडर ने 2022 से वस्तुओं के कई जहाज भेजने के लिए सीएचईएम का उपयोग किया है। ईरान स्थित अर्सांग सेफ ट्रेडिंग कंपनी ने सीएचईएम सहित कई सहारा थंडर-संबंधित जहाज परिवहन में सेवाएं प्रदान की हैं।’
ट्रेजरी के अनुसार, ईरान स्थित एशिया मरीन क्राउन एजेंसी ने कई सहारा थंडर शिपमेंट में सहयोग करते हुए ईरान के बंदर अब्बास में बंदरगाह एजेंट के रूप में काम किया है।
इसमें कहा गया है, ‘भारत स्थित सी आर्टशिप मैनेजमेंट (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड और यूएई स्थित कंपनी ट्रांस गल्फ एजेंसी एलएलसी ने सहारा थंडर के समर्थन में जहाजों का प्रबंधन करने के लिए मिलकर काम किया है। इसके एवज में यूएई और ईरान स्थित कोरल ट्रेडिंग ईएसटी ने सहारा थंडर से ईरानी वस्तुएं खरीदी हैं।’
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