कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाकुंभ को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि क्या डुबकी लगाने से गरीबी दूर होगी या किसी का पेट भरेगा. इस पर अब असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'महाकुंभ पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान अभूतपूर्व है और सनातन धर्म के खिलाफ गहरी चिंताजनक मानसिकता को दर्शाता है. मेरा मानना है कि यह राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक रुख है. लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि 2001 में सोनिया गांधी ने खुद कुंभ के दौरान पवित्र डुबकी लगाई थी.'
हिमंत बिस्वा सरमा ने मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधते हुए लिखा, 'क्या वह यह कहने की हिम्मत करेंगे कि हज पर जाने से भूख और गरीबी जैसे मुद्दे हल नहीं होंगे? कांग्रेस से जुड़े सभी हिंदू नेताओं के लिए इस पर चिंतन करने और अपना रुख तय करने का समय आ गया है.' उन्होंने आगे लिखा, 'कांग्रेस से जुड़े सभी हिंदू नेताओं के लिए इस पर विचार करने और अपना रुख तय करने का समय आ गया है. केवल सत्ता और पद के लिए अपनी आस्था, अपने धर्म या इस देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से समझौता न करें.' किसी भी नेता, किसी भी विचारधारा और किसी भी पार्टी को अपने धर्म और आस्था से ऊपर नहीं रखना चाहिए। सनातन धर्म सदियों से समय की कसौटी पर खरा उतरा है, राजनीतिक लाभ के लिए इसके सार को कम मत समझो। अपनी अंतरात्मा को अपना मार्गदर्शक बनाओ।'
मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह बयान दिया था
मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर होती है, क्या इससे आपका पेट भरता है। मैं किसी की आस्था को दोष नहीं देना चाहता। अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं। जब कोई बच्चा भूख से मर रहा है, कोई बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है, मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है, तब ये लोग प्रतियोगिताओं में डुबकी लगाने के लिए हजारों रुपये खर्च कर रहे हैं। ये लोग तब तक डुबकी लगाते रहते हैं जब तक टीवी पर कुछ अच्छा नहीं आ जाता।
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