प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना वनांचल के घर हुए रोशन: उपभोक्ता बने ‘ऊर्जादाता’…

प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना वनांचल के घर हुए रोशन: उपभोक्ता बने ‘ऊर्जादाता’…

रायपुर: धमतरी जिले के वनांचल नगरी क्षेत्र का छोटा सा ग्राम उमरगांव अब “ऊर्जा आत्मनिर्भरता” की नई कहानी लिख रहा है। यहाँ के निवासी श्री धरमदास मानिकपुरी ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठाकर न केवल अपने घर की बिजली जरूरतें पूरी की हैं, बल्कि अतिरिक्त ऊर्जा उत्पन्न कर ‘उपभोक्ता से ऊर्जादाता’ बन गए हैं।

श्री मानिकपुरी ने अपने घर की छत पर 2 किलोवाट का सोलर रूफटॉप प्लांट स्थापित किया है। इस प्लांट की कुल लागत 1.40 लाख रुपए रही, जिसमें से 60 हजार रुपए की सब्सिडी उन्हें केंद्र और राज्य सरकार से प्राप्त हुई। केवल 14 हजार रुपए अग्रिम राशि का भुगतान कर उन्होंने शेष राशि बैंक ऋण के माध्यम से पूरी की। पहले हर महीने 800 से 1000 रुपए तक का बिजली बिल भरने वाले श्री मानिकपुरी का अब बिल शून्य है। इतना ही नहीं, अतिरिक्त बिजली उत्पादन से उन्हें हर माह आर्थिक लाभ भी प्राप्त हो रहा है। श्री मानिकपुरी ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के शुभारंभ कार्यक्रम को देखकर ही मैंने निश्चय किया था कि अपने घर को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाऊँगा। आज यह निर्णय मेरे परिवार के लिए बेहद लाभदायक साबित हुआ है।

हर घर बनेगा ‘ऊर्जा का घर’

प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत राज्य के हजारों परिवारों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। योजना के तहत 30 हजार से 1 लाख 8 हजार रुपए तक की सब्सिडी रूफटॉप सोलर संयंत्र की क्षमता के अनुसार दी जाती है। आवेदक पीएम सूर्यघर पोर्टल या मोबाइल एप के माध्यम से आसानी से पंजीयन कर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। चयनित वेंडर द्वारा सोलर संयंत्र की स्थापना के बाद डिस्कॉम द्वारा नेट मीटर लगाया जाता है और सत्यापन उपरांत सब्सिडी सीधे लाभार्थी के खाते में जमा की जाती है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को बैंक से 6 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम

श्री मानिकपुरी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना ने आम जनता के जीवन में उजाला भर दिया है। अब हम बिजली उपभोक्ता नहीं, ऊर्जा उत्पादक बन गए हैं। इससे न केवल घरेलू खर्च घटा है, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ मिल रहा है। वनांचल के उमरगांव जैसे गाँवों में सौर ऊर्जा का यह उजाला अब आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहा है।

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