रायपुर: “सूर्यघर मुफ़्त बिजली योजना” के चालू होने के एक वर्ष के भीतर ही शानदार परिणाम सामने आए हैं। जहाँ परिवार की औसत मासिक खपत लगभग 1200 यूनिट है, वहीं सोलर पैनल 850 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन हर माह कर रहा है। यानी उनकी कुल खपत का करीब 70 प्रतिशत बिजली अब सूर्य से प्राप्त हो रही है। श्रीमती सिंह ने मुस्कराते हुए कहा कि “पहले हम सिर्फ बिजली जलाते थे, अब हम इसे बनाते भी हैं।”
प्रधानमंत्री “सूर्यघर मुफ़्त बिजली योजना” के तहत एक महिला उपभोक्ता ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। खैरागढ़ के गंजीपारा निवासी श्रीमती भारती सिंह ने अपने घर की छत पर 10 किलोवाट क्षमता का सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित कर अपने घर को एक मिनी पावरहाउस में बदल दिया है। समाचार माध्यमों के जरिए योजना की जानकारी मिलते ही श्रीमती सिंह ने तुरंत पहल की। लगभग 6 लाख रूपए की लागत से स्थापित यह प्रणाली उनके घर को न सिर्फ बिजली उपभोक्ता बल्कि उत्पादक भी बना रही है।

सरकारी सब्सिडी से मिला लाभ खर्च कम हुआ
इस परियोजना की वास्तविक लागत को कम करने में केंद्र सरकार की 78 हजार रूपए और राज्य सरकार 30 हजार रूपए की सब्सिडी 3 किलोवॉट की सौर संयंत्र की स्थापना पर दे रही है, इससे निवेश का बोझ काफी हल्का हुआ।
8 साल में लागत वसूली, 17 साल तक मुफ्त बिजली
श्रीमती सिंह का अनुमान है कि 8 से 9 वर्षों में निवेश की पूरी लागत वसूल हो जाएगी, जिसके बाद अगले 17 वर्षों तक उन्हें मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा। यह कदम न केवल आर्थिक रूप से लाभदायक है, बल्कि देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को धन्यवाद
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए श्रीमती सिंह ने नागरिकों से अपील की कि वे भी इस ऐतिहासिक योजना का लाभ उठाएँ और “ऊर्जा उत्पादक” बनने की दिशा में कदम बढ़ाएँ।
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