धार
ऐतिहासिक भोजशाला में आगामी 23 जनवरी 2026 (शुक्रवार) को जुमे की नमाज वाला दिन होने और उसी दिन वसंत पंचमी का उत्सव मनाए जाने के कारण प्रशासन के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। वजह यह है कि वसंत पंचमी मनाने की वजह के कारण हिंदू समाज की ओर से उस दिन नमाज की अनुमति न दिए जाने की मांग की जा रही है।
हालांकि इस पर अभी प्रशासन ने कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन इसको लेकर अनिश्चय की स्थिति के बीच इस बारे में शनिवार को धार पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हमारी सरकार सभी की आस्था का सम्मान करती है, इसलिए निर्णय भी सभी पक्षों से चर्चा के बाद ही लिया जाएगा।
किसी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। समस्या के समाधान के लिए सभी लोग मिलकर चर्चा करेंगे और सौहार्दपूर्ण निर्णय लेंगे। मीडियाकर्मियों ने वर्ष 2006 की स्थिति का हवाला देते हुए विजयवर्गीय से यह भी पूछा कि तब भी वह प्रभारी मंत्री थे और शुक्रवार तथा बसंत पंचमी एक साथ आई थी।
अब जबकि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार है, ऐसे में भोजशाला से जुड़े मुद्दे का समाधान क्यों नहीं हो पाया? इस पर मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि ऐसी समस्याओं का निराकरण एक दिन में नहीं होता। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लंदन प्रवास के दौरान भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी। मुझे विश्वास है कि एक दिन समस्या का निराकरण होगा।
गौरतलब है कि 23 जनवरी 2026 को बसंत पंचमी शुक्रवार के दिन आ रही है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) के आदेशानुसार, सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिंदू समाज को भोजशाला में पूजन और हवन की अनुमति रहती है। वहीं, हर शुक्रवार की तरह मुस्लिम समुदाय जुमे की नमाज़ अदा करता है।
ऐसे में एक ही दिन पूजा और नमाज़ दोनों होने के कारण स्थिति को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है। इधर, 18 नवंबर को सकल हिंदू समाज बसंत पंचमी के अवसर पर अखंड पूजन की अनुमति को लेकर ज्ञापन सौंपेगा।
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